चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां कालरात्रि ही पूजा हिंदू धर्म में बड़े ही विधि विधान से की जाती है। कल का नाश करने वाली माता कालरात्रि की पूजा मध्य रात्रि में बेहद शुभ माना गया है। देवी कालरात्रि को कुमकुम का पहले तिलक करें ।
इस दिन सुबह उठकर स्नानादि से निवृत्त होकर साफ स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए । इसके बाद माता की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं । मां को लाल वस्त्र अर्पित करें । मां को पुष्प अर्पित करें, रोली कुमकुम लगाएं ।
मां कालरात्रि का मंत्र
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥
वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा।
वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां कालरात्रि का स्तोत्र
हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती।
कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता॥
कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी।
कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी॥
क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी।
कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा॥
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